मेरी आवाज़
आत्मा की आवाज रह जाती है अनसुनी कई बार दब जाती है दबाबों में कभी मेरे कभी तेरे लाचार सिसकती
Read Moreआत्मा की आवाज रह जाती है अनसुनी कई बार दब जाती है दबाबों में कभी मेरे कभी तेरे लाचार सिसकती
Read Moreयमराज जी बोर हो गए अपनी पुरानी ड्रेस और भैंसे की सवारी से सो उन्होंने लिया एक निर्णय और बोले
Read Moreसारा खेल है दो जून की रोटी का कोई दिन भर रहता परेशान है तोड़ता है हाड़ अपने इसको पाने
Read Moreजब हाथ में रहे न बात तो वक़्त के हाथ छोड़ दे निशब्द हो बैठ जा कर इंतजार वक़्त का
Read Moreमैं हार गया आया न सलीका जीतने का मुझको जीत के लिए साम दाम भेद दंड सभी अपनाए जाते हैं
Read Moreनिकला तलाशें सकूं जाके इधर उधर जो देखा हर जगह बैचेन आदमी को देखा जिसको भी देखा ढूंढ़ते सकूं को
Read Moreकल रात गली के नुक्कड़ से गुजर रहा था जब एक आवाज कानों में पड़ी कोई कह रहा था किसी
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