अपना अपना चश्मा
चश्में का क्या सब अपने अपने चश्में से देखते हैं सब के चश्में अलग अलग कोई चश्मा लगा कर सुंदरता
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Read More13 अप्रैल का दिन भारत के इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाता है । इसी दिन
Read Moreमैं ही मूर्तिकार मैं ही मूर्ति हूं अपने ही छेनी हथौड़े से ढाल रहा अपनी ही मूरत अपनी ही कल्पना
Read Moreइस लॉक डाउन के मौसम में मुझ से दुखी है मेरा बिस्तर उससे इतना मोह हो गया नहीं छूटता मुझसे
Read Moreसांझ ढल गई बिस्तर छोड़ बैठ गया घर की बालकनी में फुर्सत के है यह क्षण सोचा कैसे इनको बिताऊं
Read Moreमुझको साहब कविता लिखने का खब्त हो गया , मैं रोज जो भी मन में आए कविता ,बकवास दूसरों के
Read Moreसत्य की डगर कोई है नहीं आसान बड़ी पथरीली और कांटों से भरा है यह रास्ता चलना नहीं आसान इस
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