कविता *ब्रजेश गुप्ता 15/03/202415/03/2024 विकास बाप दादों की जमीन बेच गाँव छोड़ शहर बस गया हूँ खुले मकान से बंद कमरों में सिमट गया हूँ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 13/03/202413/03/2024 बचपन जब कभी अकेले होता हूँ अनायास पहुँच जाता हूँ गुड्डा गुड़िया बाले दिनों में खो जाता हूँ उन यादों में Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 27/02/202405/03/2024 ख्याल आवारगी है ख्यालों की गुजरती रात सारी इन ख्यालों में दोष नींद को देता हूँ आती नहीं — ब्रजेश गुप्ता Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 17/02/202417/02/2024 बसंत बसंत आया पुरवा साथ लाया विरह की अग्नि जगा अंग अंग मादक कर गया अंग लिपटन की चाह साँसे धोकनी Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 10/02/202410/02/2024 दीवार जब पैसे नहीं थे एक कमरे में हम सब सोते थे आस पास कोई एक जब जग रहा होता था Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 08/02/202408/02/2024 प्रेमपत्र अलमारी में कपड़ो की तह के नीचे झाँकते एक कागज के टुकड़े पर जब नज़र पड़ी वक़्त के साथ साथ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 05/02/202406/02/2024 विपत्ति विपत्ति हो कोई भी हिम्मत न हारिये भय न कीजिये न कायरता दिखलाइये करें मुकाबला डटकर वीरो की भांति उसका Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 30/01/202430/01/2024 नेता जी नेता की तुलना गिरगिट से क्या करना रंग बदलने में वह उससे भी ज्यादा माहिर है अपना थूका ही चाट Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 30/01/202430/01/2024 क्षणिकाएँ एकांत मैं रोज देख रहा अपने चारों ओर बनती हुई गगन चुम्बी इमारतें और उनमें रहने वाले खुद से बात Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 12/01/202412/01/2024 वक़्त वक़्त की यह खासियत बदलता है यह रुकता नहीं किसी एक का होकर यह कभी रहता नहीं कल किसी का Read More