प्रभु लीला
कैसी तेरी अबूझ कहानी लगा बूझने जिसे सब कोई तेरी यह कहानी कोई व्रत रखे कोई जप करे कोई हज़
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Read Moreजब भी मैं अपने पर हँसता हूँ लगता है कुछ हल्का हो रहा हूँ लोग देख मुझ पर हँसते हैं कुछ फब्तियां कसते
Read Moreजगत मेँ दिखती दो ही की माया इक ईश्वर इक पैसा इक अदृश्य इक दृश्यवान आज पैसा हुआ ईश्वर से बड़ा पैसे के आगे झुकती दुनियां पैसे से सब
Read Moreआँखों के रास्ते चलते हुए चुपके से दिल में आ बैठ गए और ऐसे बैठे कि कब्ज़ा ही कर लिया इस दिल पर जो था कभी मेरा अब
Read Moreराम कृष्ण हरि 🙏 माऊली माऊली माऊली🙏 आस्था और श्रद्धा का उमड़ता सैलाब. आषाढी एकादशी का महाराष्ट्र में बहुत महत्व
Read Moreहम भी न आज होते अगर हम दो हमारे दो का नारा हमारे माता पिता ने भी लगाया होता न
Read Moreनग्नता की दौड़ है हर शख्स नग्न होने को दौड़ रहा शालीनता बदन छुपा रही नग्नता अपने को उघाड़ रही
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