कविता *ब्रजेश गुप्ता 29/12/202329/12/2023 नया साल कुछ दिन रह गए बेसब्री से इंतजार नए साल का शायद कुछ नया लाये हर कोई कर रहा इंतज़ार रात Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 24/12/202328/12/2023 क्षणिकाएँ 1- तलाशता हूँ आज आदमी को आदमी न जाने कहाँ खो गया जिस चेहरे को भी देखता हूँ आदमी की Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 19/12/202319/12/2023 कमी हम में ही कोई कमी थी जो तुमनें किनारा कर लिया हमनें तो हमेशा तुम्हारी कमियों को स्वीकारा काश एक Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 28/11/202328/11/2023 चाणक्य बहुत बदला है मैंने खुद को सीखा है ज़माने से सच खुल कर बोला नहीं करते मुँह पर जो कह Read More
क्षणिका *ब्रजेश गुप्ता 20/11/202320/11/2023 क्षणिका हमनें रोज बदलते देखा इंसा को उसके लहजे उसकी बातों को Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 18/11/2023 इमारतें वह इमारतें जिन्हें बनवाया गया था बड़े चाव से अब वीरान सी खड़ी है मुद्दतों से जाने वालों के इंतज़ार Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 18/11/202318/11/2023 मेहमान वक़्त का भी कैसा सितम मेहमान तो नहीं हाँ अपने बच्चें ही मेहमान बन त्योहारों पर आ रहे हैं. कुछ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 16/11/202316/11/2023 चाहतें चाहतें कई रहीं जिंदगी में मिला उतना ही जितना नसीब था लेकिन नसीब के सहारे बैठा ही नहीं रहा लगा Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 13/11/202313/11/2023 मेरे राम राम को पुकार रहे राम गए कहां हैं जो उनको पुकार रहे राम तो पास है तेरे हर क्षण साथ Read More
कविता *ब्रजेश गुप्ता 13/11/202313/11/2023 भरोसा न मौसम का भरोसा न इंसान का कोई भरोसा है कब बदल जाये दोनों कोई नहीं इसका भरोसा दो कदम Read More