क्षणिका

ब्रह्म

मैं 

ब्रह्म 

अजर अमर अविनाशी 

घट घट में व्यापक 

कहीं नहीं जायूँगा 

सदा रहूंगा यहीं कहीं 

आता जाता रहूँगा 

इक घट से दूजे घट में

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020