लक्ष्य को प्राप्त करने मैं चली
सूरज को पकड़ने चली हर मुश्किलों को पार करके , आज उन्मुक्त गगन में उड़ने मैं चली | सबकी मुझसे
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Read Moreआख़िर क्या कमी है , अंधेरे में ही चेतना प्रकाश का महत्व है | तुम स्वयं से मार्ग चुनो !
Read Moreमानव व सभी जीवों के हित में सोचो ! मानव सर्वोपरि है | नियमों का उल्लंघन करना, अपने नियम बनाकर
Read Moreमेरे प्यारे बच्चों! जीवन में तुम सब होनहार ऐसे बनो! अंतर्मन की गुत्थी स्वयं से सुलझा दो ! मेरे प्यारे
Read Moreसंँभाल लो ! घर संँवार लो ! घर है तुम्हारा | बड़े नाजुक होते हैं दिल के रिश्ते, तुम इन्हें
Read More‘हिन्दीपत्रकारिता-दिवस’ के उपलक्ष्य मे ‘सर्जनपीठ’ की ओर से ‘मीडिया-चरित्र और लोकतन्त्र’-विषयक एक परिचर्चा का आयोजन २९ मई को ‘भारती भवन’,
Read Moreजीवन मेरा वसन्त मस्त रहती हूंँ अपनी दुनिया में, हंसती हूंँ हसाती हूंँ औरों को गले लगाती हूंँ जीवन मेरा
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