कविता – आगे बसंत
पियर-पियर सरसो फूले, पियर उड़े पतंग , पियर पगड़ी पहिर के, आगे ऋतु राज बसंत । अमरय्या मा आमा मयुरे
Read Moreपियर-पियर सरसो फूले, पियर उड़े पतंग , पियर पगड़ी पहिर के, आगे ऋतु राज बसंत । अमरय्या मा आमा मयुरे
Read Moreगणतंत्र दिवस अमर रहेंआओ फहराएं तिरंगा फर-फर, आन बान और शान है तिरंगा,सदा इनका सम्मान करें ।। आजादी की अमृत
Read Moreपन्द्रह अगस्त अमर रहें ।आओ फहराएं तिरंगा फर-फर,आन बान और शान है तिरंगा,सदा इनका सम्मान करें ।। आजादी की अमृत
Read Moreपेड़ लगाओ ,पेड़ बचाओ , धरती को हरियाली बनाओ । डोमू की यही अंतश की पुकार , चलो करे अब
Read Moreऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन। वो प्रभु गुन गाती रही, हो के मगन ।। बंधन है प्रभु से
Read Moreचूं-चूं करती आई मेरी रानी चिड़िया, नीड़ बनाती अपनी बढ़िया- बढ़िया। नित करते अपने संरक्षण वास्ते, नीड़ बनाती अपनी बढ़िया-
Read Moreमुझे विश्वास है मुझे आस हैं, मिलेंगी मंजिल मेरी जरुर एक दिन । करुॅ॑गा मेहनत दिन-रात,मैं चाहे रात कटे मेरें
Read Moreलागी तुझसे लगन ऐ रिश्ता क्या कहलाता है ? अनु दामिनी वीरा कसम से भाग्य विधाता है ।। दीया और
Read More