कविता

कविता – प्रेम दिवानी मीरा

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन।
वो प्रभु गुन गाती रही, हो के मगन ।।
बंधन है प्रभु से रिश्तों के दिल से हम निभाएगे ।
प्यार ,स्नेह ,दुलार से पावन रिश्ते को सजाएंगे ।।
प्रभु के प्रति  है ,अटूट स्नेह प्रेम ।
मीरा की है अटूट विश्वास, नही है कोई क्लेम ।।
दीया और बाती हम पवित्र है जिनका बंधन ।
ऐसी मेरी प्रभु के साथ बंधा रहे  बंधन ।।
तहे दिल से करते है हम सादर वंदन प्रणाम ।
स्वीकार कीजिएगा प्रभुजी हमारा सलाम ।।
पुष्प गुच्छ और तिलक चंदन स्वागत और वंदन ।
प्रभुजी मेरी हृदय में आपका है हार्दिक अभिनंदन।।
हम साथ-साथ है तो साथ निभाना प्रभु जी मेरी  ।
प्रेम प्यार विश्वास को मत छोड़ना हे कृष्ण मुरारी ।।
हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती ।
हर चाहत के पिछे कोई कहानी नही होती ।।
कुछ तो बात है मोहब्बत में यारों वरना ।
 मीरा जी श्री कृष्ण की दिवानी नही होती ।।
    ‌
—  डोमेन्द्र नेताम (डोमू )

डोमेन्द्र नेताम (डोमू )

मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छ.ग.) मो.9669360301