गीत : क्यों पूज्य नारी हो
इससे बड़ी नहीं कोई संतुष्टि अभिमान की नारी रहे बन्धनीय, मात्र अबला बेचारी हो चरित्र का प्रमाण जब राम ही
Read Moreइससे बड़ी नहीं कोई संतुष्टि अभिमान की नारी रहे बन्धनीय, मात्र अबला बेचारी हो चरित्र का प्रमाण जब राम ही
Read Moreमुझे प्रेम नहीं करना था तुमसे प्रेम सीमित कर देता था अधिकार तुम पर.. लज्जा से बना देता था लचीला
Read Moreतुम गए तो जैसे प्राण गए, मेरे जीवन की आस गई तर्षित थी मैं जन्मों से, तुम गए तो मेरी
Read Moreमैं नारी हूँ मैं नारी हूँ,……………कलियुग से मैं हारी हूँ कौन समझता अब मुझको, किस पद की अधिकारी हूँ बनी
Read Moreनिर्भया,कैसे लिखूँ तुम्हारी कराह…..कैसे लिखूँ तुम्हारी पीड़ा तुम्हारी चीख़………तुम्हारी पुकार….. ह्रदय को चीर जाता है तुम्हारा द्वन्द…..एक साल हो गया ना आज क्या जानना
Read Moreनिर्भया, कैसे लिखूँ तुम्हारी कराह….. कैसे लिखूँ तुम्हारी पीड़ा तुम्हारी चीख़……… तुम्हारी पुकार….. ह्रदय को चीर जाता है तुम्हारा द्वन्द…..
Read Moreयादों में बस तुम हो ख्वाबो में बस तुम हो तुम सुनो प्रिये तुम बिन ये रात बेचारी हैं… जब
Read Moreनहीं समेटी नहीं जातीपीर अब तोकागजो मेंहर्फ़ों में किस्सों में विचारों में मात्र यहाँ या और कही भी लिख देने भर से
Read Moreजला आई हूँ मैंतुम्हारी रामायणजहाँ पूजा जा रहा थासीता को…बनाकर देवी-स्वरूपानहीं बनना था मुझे सीता नहीं देनी थी अग्नि-परीक्षा ना
Read Moreतुम गए तो जैसे प्राण गए, मेरे जीवन की आस गई तर्षित थी मैं जन्मों से,. तुम गए तो मेरी प्यास
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