Author: गिरेन्द्र सिंह भदौरिया "प्राण"

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कविता और काम का कोई गुरु नहीं होता 

 काव्य-प्रणयन की सामर्थ्य उत्पन्न करने वाले साधनों को ‘काव्य हेतु’ या काव्य का कारण कहा जाता है। ये साधन ही

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कविता की परिभाषा आज तक नहीं हो सकी

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