कुंडलियाँ छ्न्द
#आधुनिकता नैतिक मूल्यों को रखा, बड़े गर्व से ताक। खूब उड़ाई धूल में, संस्कारों की खाक। संस्कारों की खाक,
Read More#आधुनिकता नैतिक मूल्यों को रखा, बड़े गर्व से ताक। खूब उड़ाई धूल में, संस्कारों की खाक। संस्कारों की खाक,
Read Moreश्रृंगार छ्न्द अरे….! हो जाये हाहाकार। न लूटो जीवन का आधार। प्रथम जल जीवन है तो जीव। अन्यथा तृण मानव
Read Moreनमामि मात शारदे, नमामि मात शारदे। विनाश काम क्रोध मोह लोभ मात मार दे। सदैव सत्य लेखनी लिखे डरे
Read Moreजब भी पीकर तुम आते हो। हंगामा ही बरपाते हो। भूल नहीं पाए तुम अब तक। खाबों
Read More(सार ललित छ्न्द) हठ कर बैठी गुड़िया रानी, चाँद मुझे दिलवा दो। दादी बाबा नाना नानी, चाँद मुझे दिलवा दो।
Read Moreहे मात अम्बे रानी, हे मात अम्बे रानी। सुन लो पुकार मेरी, कष्टों में जिंदगानी। महिषा असुर से फिर माँ
Read Moreअनमोल बड़ा है ये बंधन। पावन रिश्ता रक्षाबंधन। उमड़ उमड़ के मन है जाता। जबजब रक्षा बंधन आता। मन नेह
Read Moreकैसे ये तीज मनाऊं मैं। कैसे तो रीझ दिखाऊँ मैं। बिन साजन सूना सावन है। सूना ये
Read Moreकोई इल्जाम हमपे लगाना नही। बोलती सच मैं करती बहाना नहीं आ भी जाते समय पर मगर क्या करें, बन्द
Read Moreपास तुम बैठो जरा सा बात कुछ करनी अभी है। बाद में देना बहाना वक़्त की जो भी
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