गजल
दर्द दिल का लिखूं या मुहब्बत लिखुँ। कुछ शिकायत लिखूं या इनायत लिखूँ। सोच पे हैं लगे आज पहरे
Read Moreगया है हार उस जालिम से अब फरियाद करके दिल । न जाने क्यूँ तड़पता फिर उसी को याद करके
Read More1) बेकरारी की तपन हमको जलाकर रख दिया । और हमसे ही हमें तुमने चुराकर रख दिया नींद भी आती
Read Moreतुम्ही छाँव तुम्ही धूप, तुम्ही मेरा प्रतिरूप तुम्ही मेरी आन-बान, जीवन की आस हो जीने का ये रंग-ढंग, साँस-साँस
Read Moreतोहमतें हम पर लगाकर वो शिकारी हो गए पोल जब खुलती गयी तो खुद भिखारी हो गए नोट की जो
Read Moreहमें तेरी जो आदत हो गयी है सुकूँ से अब शिकायत हो गयी है ***************** सितारे टूट के बिखरे जमीं
Read More???????? एक सूरज तुम हथेली आज धर लो साथियो छोड़ के अपना पराया कर बसर लो साथियो आपसी मतभेद
Read More1) झट आ बैठी खोलते ही झरोखा हठीली धूप। 2) नाचती बूंदें छई छपाक छई दादुर कूदें । 3) पंकिल
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