गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 12/08/202312/08/2023 ग़ज़ल रोग तबियत में पुराना आ गया,लोग ये समझे दीवाना आ गया। याद तन्हाई में आई जब कभी,इन लबों को गीत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 09/07/2023 ग़ज़ल सच से कोई जुदा न हो जाए, झूठ का सिलसिला न हो जाए। खामखां आ गया हूंँ महफिल में, अब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 14/05/2023 माई कभी कुछ नहीं बोली, माई, हरदम रही अबोली, माई! सबके साथ वो हंसी मगर, बंद कमरे में रो ली, माई! Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 01/04/202329/03/2023 ग़ज़ल नींद से उसने जगा रक्खा है। अपने नज़दीक बिठा रक्खा है। रूबरू आज उसको देखेंगे, जिसको नज़रों में बसा रक्खा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 08/03/2023 ग़ज़ल हश्र से ख़ुद जो बेख़बर न हुआ, आँधियों में वो दरबदर न हुआ। मौत तक आई ज़िंदगी लेकिन, खत्म ये Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 21/02/2023 ग़ज़ल इश्क़ में और आशिक़ी में हम, ग़ुम हैं अपनी ही शायरी में हम। एक तारीख़ जैसे लिख्खें हैं, ख़ुद हमारी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 04/02/2023 ग़ज़ल इश्क़ वाजिब ठिकाना नहीं है इसलिए दिल लगाना नहीं है टीस थोड़ी है बाकी अभी तक दर्द इतना पुराना नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 19/12/2022 ग़ज़ल आवाज़ भी खोई हुई, सबका गला बैठा हुआ। सच को भला बतलाऐगा क्या आईना टूटा हुआ, पेड हैं चंदन के Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 29/10/2022 ग़ज़ल चाहो तो देख लो मेरा फिर इम्तहान लेकर, हर बार ही मिलूंगा मैं दीनो-ईमान लेकर। अब बिक नहीं सकेगा सामान Read More
गीतिका/ग़ज़ल *जयकृष्ण चाँडक 'जय' 23/09/2022 ग़ज़ल बहुत ग़म में बहुत थोड़ी खुशी मालूम होती है, खुशी से जी लिये वो ज़िंदगी मालूम होती है। करोड़ों के Read More