गांव का जीवन
शहर को हुए तो गांव से भी गए, इक पक्की छत की तलाश में पेड़ों की छाँव से भी गए,
Read Moreशहर को हुए तो गांव से भी गए, इक पक्की छत की तलाश में पेड़ों की छाँव से भी गए,
Read Moreबीत गया सर्दी का मौसम ,बीत रहा सुहाना बसंत फाल्गुन की खुशियां छाई हैं संग लेकर होली के रंग. प्रीत
Read Moreऐसी लगी लगन जनता हो गई मगन वो तो मोदी मोदी गुण गाने लगी, शहरों में रहे या रहे गांव
Read Moreआँधियों में भी जो जलता हुआ मिल जाएगा,उस दिये से पूछना मेरा पता मिल जाएगाडाली से टूटे फूल को तुम
Read Moreहर इंसान मौत से डरता है फिर भी न जाने क्यूँ — ज़िंदगी में जीते जी कई बार मरता है,
Read Moreदिवाली गुरुपर्व ईद क्रिसमस सब खुशियों के हैं त्यौहार. सबको गले लगाकर झूमो, मिल कर गायें नाचें यार. हम सब
Read Moreयह वक़्त कितना बेरहम पल में क्या से क्या हो जाता है, एक हँसता गाता चेहरा आंसूओं से तर बतर
Read Moreना मेरी खता थी न तेरी खता थी, कुछ मेरी तमन्ना थी कुछ तेरी ज़रुरत थी, ना तुमने कुछ कहा
Read Moreएक समृद्ध व्यापारी था जिसकी 4 पत्नियां थीं। वह चौथी पत्नी से सबसे ज्यादा प्यार करता था और उसे समृद्ध
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