असली हक़दार कौन ?
रात के बारह बज रहे थे, दिसंबर की सर्द रात, शर्मा जी का मोबाइल बज उठा, ऐसे में मन में
Read Moreरात के बारह बज रहे थे, दिसंबर की सर्द रात, शर्मा जी का मोबाइल बज उठा, ऐसे में मन में
Read Moreमधु अमृत सा संचार हो जिसके मन में, जीवन में उसके प्यार की भरमार है, समय की कसौटी पर खरा
Read Moreशहर को हुए तो गांव से भी गए, इक पक्की छत की तलाश में पेड़ों की छाँव से भी गए,
Read Moreबीत गया सर्दी का मौसम ,बीत रहा सुहाना बसंत फाल्गुन की खुशियां छाई हैं संग लेकर होली के रंग. प्रीत
Read Moreऐसी लगी लगन जनता हो गई मगन वो तो मोदी मोदी गुण गाने लगी, शहरों में रहे या रहे गांव
Read Moreआँधियों में भी जो जलता हुआ मिल जाएगा,उस दिये से पूछना मेरा पता मिल जाएगाडाली से टूटे फूल को तुम
Read Moreहर इंसान मौत से डरता है फिर भी न जाने क्यूँ — ज़िंदगी में जीते जी कई बार मरता है,
Read Moreदिवाली गुरुपर्व ईद क्रिसमस सब खुशियों के हैं त्यौहार. सबको गले लगाकर झूमो, मिल कर गायें नाचें यार. हम सब
Read Moreयह वक़्त कितना बेरहम पल में क्या से क्या हो जाता है, एक हँसता गाता चेहरा आंसूओं से तर बतर
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