बस इंतज़ार –बस इंतज़ार
कभी कभी अंधेरी सुनसान रातों में , नींद आँखों से ओझल हो जाती है… और मन ही मन चल पड़ता
Read Moreकभी कभी अंधेरी सुनसान रातों में , नींद आँखों से ओझल हो जाती है… और मन ही मन चल पड़ता
Read Moreमैं चाहता हूँ कि जिन्हे मैं चाहता हूँ वह सब सुखी रहें मेरे अपने रहें वह भी मुझे चाहें यह
Read Moreमेरे दिल में एक छोटा सा बच्चा है जो सोचता रहता है तुम्हे, एक शरारत की तरह कुछ बीती हुई
Read Moreआसमान में उड़ने वालो आसमान में ठिकाना नहीं होता आसमान में आशियाना नहीं होता आसमान होता ही कहाँ है ??
Read Moreदुनिया में कुछ लोग तो इतने “गरीब” होते हैं, उनके पास पैसे के सिवा और कुछ नहीं होता . बस
Read Moreदेश की राजनीति के बारे में अपने विचार रख रहा हूँ. देश एक विभिन्नता में एकता लिए हुए देश है ,
Read Moreन जाने कैसे — गैरों की बातें सुन कर वो नादानी में इतना बहक गए , बड़ने लगे जब वो
Read Moreदिल आखिर दिल है कभी मचल जाता है कभी उछल जाता है कभी हँसता है कभी रोता है क्योंकि दिल
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