गीतिका/ग़ज़ल जयनित कुमार मेहता 29/11/2015 ग़ज़ल कभी है ग़म,कभी थोड़ी ख़ुशी है इसी का नाम ही तो ज़िन्दगी है हमें सौगात चाहत की मिली है ये Read More