नीयत और नियति…
नीयत और नियति समझ से परे है एक झटके में सब बदल देता है, ज़िन्दगी अवाक्! काँधे पर हाथ धरे
Read Moreनीयत और नियति समझ से परे है एक झटके में सब बदल देता है, ज़िन्दगी अवाक्! काँधे पर हाथ धरे
Read Moreमुमकिन है यह उम्ररेगिस्तान में ही चुक जाएकोई न मिले उस जैसाजो मेरी हथेलियों परचमकते सितारों वालाआसमान उतार दे! यह
Read More1. होली कहती खेलो रंग गुलाल भूलो मलाल! 2. जागा फागुन एक साल के बाद, खिलखिलाता! 3. सब हैं रँगे
Read More1. हवा बसन्ती लेकर चली आई रंग बहार! 2. पीली ओढ़नी लगती है सोहणी धरा ने ओढ़ी! 3. पीली सरसों
Read More1. रज़ाई बोली – जाता क्यों न जाड़ा, अब मैं थकी! 2. फिर क्यों आया सबको यूँ कँपाने, मुआ ये
Read Moreधत्त! तुम भी न बस कमाल हो! न सोचते न विचारते सीधे-सीधे कह देते जो भी मन में आए चाहे
Read Moreअति बुरी होती है साँसों की हो या संयम की विचलन की हो या विभोर की प्रेम की हो या
Read More1. जीवन ये कहता है काहे का झगड़ा जग में क्या रहता है! 2. तुम कहते हो ऐसे प्रेम नहीं
Read Moreबुझ क्यों नहीं जाता है सूरज क्यों चारों पहर ये जलता है, दो पल चैन से सो लूँ मैं भी
Read More