कवितापद्य साहित्य

जीवन को साकार करें…

अति बुरी होती है

साँसों की हो

या संयम की

विचलन की हो

या विभोर की

प्रेम की हो

या परित्याग की

जीवन सहज है

जीवन प्रवाह है

जीवन निरंतर है

जीवन मंगल है

अतियों का त्याग कर

सीमित को अपना कर

जीवन के लय में बह कर

जीवन का सत्कार करें

जीवन को साकार करें!

– जेन्नी शबनम (1. 1. 2017)

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