मातृभूमि
मातृभूमि के लिये नित्य ही, अभय हो जीवन दे दूंगा । तन ,मन , धन निस्वार्थ भाव, सर्वस्व समर्पित कर
Read Moreतितली हूँ मैं प्यारी सी, उड़ती हूँ मैं न्यारी सी खाना खाती फूलों में झूला झूलती फूलों में चाल है
Read Moreकितनी सुन्दर छटा निराली, प्रकृति में चारों ओर हरियाली । कलकल कर रही है नदियां झरने सुना रहे है मधुर
Read Moreगीत सावन में उमड़ता प्रेम का शुभ स्वप्न पलता चाँद सी तुम हँस रही हो शून्य उर में धँस रही
Read Moreपेड़ों से इस धरा को सजाएँ वातावरण स्वच्छ बनाये आओ पर्यावरण बचाएं सब मिल के पेड़ लगाएं प्रदूषित कर दिया
Read Moreमेरे मन की पीड़ा आखिर जाकर तुमको कौन सुनाये तुमको हँसी खुदा ने सौपी मेरे हिस्से आंँसू आये । आशाओं
Read Moreमाँ माँ करूणा की बहती दरिया माँ ममता का बहता झरना माँ प्रेम की भरी गगरिया माँ पूजा की थाल।।
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