चितचोर !
तू है तो चितचोर ब्रह्माण्ड के निपुण चितेरे दुनियां को रंगा सात रंग से जानता नहीं कोई कितने रंग
Read Moreआंग्ल प्रेमी सीखो आंग्ल, पर हिंदी से न विमुख हो सुनिश्चित करो, दिन का हर कामकाज हिंदी में हो |
Read Moreहिंदी है रूपवती किन्तु, गरीब की कन्या है शहर में घृणा पात्र, गाँव में प्यारी है | *****
Read Moreमानवविज्ञानी एवं वैज्ञानिकों का मत है – पृथ्वी की उत्पत्ति के लाखों वर्ष बाद पृथ्वी में जीव की उत्पत्ति हुई
Read Moreजानता हूँ मैं यह ध्रुव सत्य है, पुराने दिन कभी लौटकर नहीं आयगा, जीवन फिर कभी पहले जैसा नहीं होगा,
Read Moreजिन्दगी और रेलगाड़ी… दोनों एक जैसी हैं | कभी तेज तो कभी धीमी गति से लेकिन चलती है | पैसेंजर
Read Moreविश्व धर्म–सभा में हर धर्म के विद्वानों का भाषण को रहा था, अपने–अपने धर्म को सर्वश्रेष्ट प्रतिपादित करने का
Read Moreअंग्रेज़ शासक थे , थे बहुत रुढ़िवादी सोचते थे भारतवासी कब मिलेगी इनसे आज़ादी ? खाए सीने में
Read Moreआगे देखो ,देखते रहो ,अच्छे दिन आने वाले हैं भाषण सुनकर ,गदगद जनता ,दिन बदलने वाले हैं गिन गिनकर काटते
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