ग़ज़ल : हम दिल से साथ रहे
सँग तो हम दिन-रात रहे. क्या हम दिल से साथ रहे. मन की बात न कह पाये, करते कितनी बात
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Read Moreजब से बेटे से बिछड़ी वो खाना-पीना भूल गयी। ऐसा लगता है जैसे माँ जीवन जीना भूल गयी।। बेटा पेड़
Read Moreकौन आदमी है, कौन कुत्ता गायक अभिजीत ने अपने आचरण से इन प्रश्नों के सहज हल दिए “सड़कें, कारों और
Read Moreमैंने कहा-भाई, “आप” की रैली का तो उद्देश्य ही भटक गया किसानों के लिये रैली और किसान ही लटक गया
Read Moreजब तक दिल में पीर रहेगी. गजलों की जागीर रहेगी. खीर अगर नमकीन बना दो, तो फिर क्या वो खीर
Read Moreअपनी खुशियों में यों खोया मेरे गम को भूल गया. वो “मैं” में डूबा है जबसे तबसे “हम” को भूल
Read Moreएक राजनीतिक सभा में रामदेव जी के एक शिष्य ने कहा- अब हमारे स्वामी जी भी मोदी जी की तरह
Read Moreबीते दिन फिर लौट रहे हैं लेकर मीठी-मीठी यादें. इन यादों में क्या-क्या है वो आओ तुमको आज बता दें. मेरे
Read Moreउड़े अबीर-गुलाल कि होली आई है. करते रंग कमाल कि होली आई है. भाँग छानकर हुए रवाना झाँसी वो, पहुँच
Read Moreफिक्र करें क्यों-कल क्या होगा. सब कुछ उसका चाहा होगा. वो अन्याय नहीं करता है, जो भी होगा,अच्छा होगा. तेरे
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