टूट गई दीवारें !
टूट गई दीवारें अब सब दिखता है गरीबी की अपनी देखो हर कोई कहानी लिखता है। कल तक परदे में
Read Moreटूट गई दीवारें अब सब दिखता है गरीबी की अपनी देखो हर कोई कहानी लिखता है। कल तक परदे में
Read Moreन मन में संकोच है, न भावों में आक्रोश है। मन का पंछी न सुने ,दिल का क्या दोष है।
Read Moreसुनो गर तो आज दिल की बात कहता हूँ! कह न सका जो बरसों वो जज़्बात कहता हूँ! चाँद को
Read Moreबात वतन के हित की हो बस कुछ को तकलीफ़ होती है, हर बात पे बस राजनीति क्या कोई इसकी
Read Moreजब जब दिल बेकरार होता है , कैसे कहें क्या हाल दिल का होता है ! तुम रुठ जाते हो
Read More