लक्ष्य जीवन का
आत्मा परमातना का अंश है जीव के कण-कण में ही वह व्याप्त है शुद्ध है,निर्मल है और निर्लिप्त है देखने
Read Moreआत्मा परमातना का अंश है जीव के कण-कण में ही वह व्याप्त है शुद्ध है,निर्मल है और निर्लिप्त है देखने
Read Moreसमय है आज सभी मिलकर सोप विचारें , , सर्व प्रथम हम आपने मन को शुद्ध बनायें, जीवन में
Read Moreकर्म ही है देश भक्ति,अपना कार्य पूरा कर सत्य का ले आसरा, चल सत्पथ पर हो निडर सेवा ही हो
Read Moreसच ही है हम नहीं सोचते, अपने को हम नहीं जानते हैं क्या और क्या करना है हमें सच्चाई पर
Read Moreमाँ बच्चे को कोख में रख कितने दुख है सहती । और जन्म होने पर कितना सुख है पाती ।
Read Moreदेशवासियो आज सभी हम सोच विचारें, सर्वप्रथम हम अपने मन को शुद्ध बनायें जीवन में हम देश प्रेम- को कभी
Read Moreसत्य के प्रह्लाद की होती विजय,असत्य की जलती रही होलिका इस ख़ुशी में नाचते गाते सभी,और रचते रास फागुन मॉस
Read Moreआत्मा परमातना का अंश है जीव के कण-कण में ही वह व्याप्त है शुद्ध है,निर्मल है और निर्लिप्त है देखने
Read Moreजीवन को नियमित बना कर,नवयुग का निर्माण करें ह्रदय से सब की सेवा कर,राष्ट्र चेतना का ही व्रत लें जियें
Read Moreतुलसी तेरी रामायण से कितने जीवन सुधर गए है। घर घर में है इसकी पूजा चाहे वर्षों गुजर गए है।।
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