मंगलसूत्र
जो दीप्ति हमेशा सुहाग चिन्हों का मजाक उड़ाने में जरा भी संकोच नहीं करती थी आज अचानक करवा चौथ के
Read Moreआँखों के आँसुओं को छुपाती रही। लोगों के सामने मुस्कुराती रही । डर रही थी कि कल फिर से हो
Read Moreमेरे भी कब्र पर बनते ताज पर , इश्क मेरा भी होता जांबाज गर | तोड़ कर सारे बंधन चली
Read Moreटूट गई तंद्रा जो पग थाप से , सिद्ध होता है नाता मेरा आपसे धड़कने बन्द होकर धड़कने लगीं, साजना
Read Moreजान देंगे वार तुम पे ऐ वतन। करते हैं हम प्यार तुमसे ऐ वतन। अब तिरंगा हिन्द का लहरायेगा
Read Moreदर्दे दिल को जताने की आदत नहीं है बेवजह यूँ सताने की आदत नहीं है छोड़ देती मैं भी बात
Read Moreमैं चली हूँ हमेशा सम्हल कर अब देखूंगी काँटों पे चल कर रौशन मैं तिमिर को करूंगी भले मिट जाऊँ
Read Moreमैंने की है खता तो सजा दीजिए जिस्म से जान पर न जुदा कीजिये प्यार करती हूँ मैं भी बहुत
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