मुक्तक
हमने लिखी एक कविता, दिल के भाव उकेरे थे, कुछ चित्रों के बिम्ब बनाये, शब्दों में चित्र उकेरे थे। भावों
Read Moreसंत्री से मंत्री तथा प्रधानमंत्री तक गाँव के विकास या कहें अंतिम आदमी तक के विकास की बात नित प्रति
Read Moreअर्थ के भी अर्थ का, अर्थ समझना चाहिए, अच्छे और बुरे का, फ़र्क़ समझना चाहिए। मुफ़्त के अर्थ से, निकृष्ट
Read Moreदर्द घना पर आह न निकले, आँसू भी न नयन से ढलके। किसको अपनी पीर सुनाये, जमा पूँजी हाथ से
Read Moreमुफ़्त राशन किसको मिले, विचार करना होगा, क्यों मुफ़्त बिजली और पानी, विचार करना होगा। मुफ़्त शिक्षा स्वास्थ्य की नीति,
Read Moreकुछ नहीं से कुछ भला, कुछ तो कीजिए, दोस्ती मत निभाओ, मगर दुश्मनी न कीजिए। अपने और पराये में, कुछ
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