हिन्दी
सम्पूर्ण विश्व के विद्वानों ने कालान्तर से ही हिंदी के महत्त्व और महत्ता को स्वीकारा है। यह हमारी विडम्बना ही
Read Moreवेदना जब उर में हो, पिडित नारी और नर हो, कट रहे हों वृक्ष जग में, औ’ धरा भी जल
Read Moreबार बार माँगने से जब हक़ न मिले, हक़ पाने के लिए भी लड़ना सीखिए। बात हो जब राष्ट्र भाषा
Read Moreयह तथ्य निर्विवाद रूप से सत्य है कि भगवान बुद्ध का जीवन काल 1807 ईशा पूर्व का निर्धारित है तथा
Read Moreमुझे जानना है तो मेरी कविता में तलाशो, हज़ारों रंग में से निज पसंद रंग तलाशो। इन्द्रधनुष में तो मात्र
Read Moreजिनका अपने ही घर में आधार नहीं है दो के पक्ष में, चार से सरोकार नहीं है। विश्व समुदाय एकजुट
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