भूली बिसरी बात हुई
बहन बेटियों के सिर आँचल, भूली बिसरी बात हुई, पनघट से पानी भर लाना, अब भूली बिसरी बात हुई। शाम
Read Moreबहन बेटियों के सिर आँचल, भूली बिसरी बात हुई, पनघट से पानी भर लाना, अब भूली बिसरी बात हुई। शाम
Read Moreअगर हमने नहीं बोली, तो कोई क्या कहेगा, कोई पिछड़ा- अहंकारी, कट्टर हिन्दू कहेगा। कह रहे हमको, सभी का सम्मान
Read Moreइतिहास के पन्नों से, वह इतिहासग़ायब कर दिया, जिससे गौरवान्वित था भारत, काल ग़ायब कर दिया। इन्तिहा बेशर्मी की, किस कदर इनकी रही, सिकन्दर को
Read Moreहोली का त्यौहार है, प्यार और मनुहार का, रंगों का साथ है, अबीर और गुलाल का। होली हिन्दुओँ का वैदिक कालीन पर्व
Read Moreराम जग के आराध्य, अयोध्या जिनका मुक़ाम है, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते, मानवता पहचान है। ज्ञान के भंडार वह, संस्कार संस्कृति
Read Moreसमझ सका ना कोई पीड़ा, पुरुष के मन की, दो पाटों के बीच पिस रहे, पुरुष के मन की। अपनी
Read Moreतन्हाईयों से दोस्ती जब से करी है, मस्तियाँ जीवन में तब से भरी हैं। अकेलापन अब मुझे कचोटता नही, सोचना
Read Moreनारी सशक्तिकरण की पहचान हो कैसे, यह हमको बतला डालो, क्या मानक, कौन पैमाना- कौन तराजू, इसको भी समझा डालो।
Read Moreजाने कौन कब से, मुल्क में जहर फैला रहे थे, घरों में नागफनी लगाकर, काँटे उगा रहे थे। सरहद की
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