नीम की तरह
लज्जा है तुम्हारा घूँघट संकोच है तुम्हारा गहना मौन रह कर आता है तुम्हें प्यार भरी बातो को कहना
Read Moreलज्जा है तुम्हारा घूँघट संकोच है तुम्हारा गहना मौन रह कर आता है तुम्हें प्यार भरी बातो को कहना
Read Moreछिटकी है चांदनी अम्बर में सितारों के नूर से भरी बह रही है एक और मंदाकनी बादलों की ओट
Read Moreतेरे मेरे पाक सम्बन्ध में कभी दरार न आये गुल ही गुल बिछे हैं ,राह में कभी खार न
Read Moreबिना किये तुम्हारा दर्शन सूनी लगती हैं धरती सूना लगता हैं अंबर माना की तुम मेरे लिये सिर्फ एक ख्याल हो
Read Moreतुम यदि हो पत्थर तो मै हूँ स्व -आलोकित शीशा तुम हो यथार्थ मै हूँ स्वप्न सरीखा पुष्प नये नये खिलाने
Read Moreअब नहीं है मुझे तुमसे कोई शिकायत हो सकता है यह मेरे द्वारा तुम्हें प्रेषित अंतिम हो ख़त लिखता आया
Read Moreतुम्हारे संग घूमता रहा सारा दिन कभी सड़कों पर ,कभी लहरों के बीच तुमने बहुत सी बाते बतायी अपने बचपन
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