गुलाब और कांटे
जहां गुलाब, वहां कांटे होते ही हैं, गुलाब कांटों से डरते नहीं हैं, कांटे ही तो उनके रक्षक हैं, वीरव्रती
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Read Moreमेरा मन है कि मैं चिड़िया बन जाऊं सूर्यदेवता की साक्षी में पंख पसारकर चिड़िया की तरह नील गगन की
Read Moreजाग युवा जाग कि तेरे जागने से देश जगेगा देश जगेगा और हर क्षेत्र में विकास करेगा, भ्रष्टाचार और दुराचार
Read Moreमेरा मन है कि मैं पतंग बन जाऊं मकर संक्रान्ति और पतंगोत्सव की पावन वेला पर सूर्यदेवता की साक्षी में
Read More“राष्ट्रीय युवा दिवस” पर विशेष आज के हर समाचार पत्र की प्रमुख सुर्खी थी- “स्वामी विवेकानंद की जयंती पर12 जनवरी
Read Moreअपनी सहेलियों के साथ विनीता कला दीर्घा में संदेशों पर विशेष चित्र प्रदर्शनी देखने गई थी. अनेक कलाकारों द्वारा बहुत
Read Moreप्यारे बच्चो, आयुष्मान-बुद्धिमान-सेवामान, हमें जब भी आपके जानने योग्य सामग्री मिलती है, हम पत्र के द्वारा आपके लिए प्रस्तुत करते
Read Moreमजरूह सुलतानपुरी ने जब जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली फिल्म के लिए गीत – ‘तारों में सजके अपने सूरज
Read Moreबादल पे पांव हैं, दृष्टि में मां, अपनों में मां, सपनों में मां, सृष्टि के कण-कण में मां, जिधर नजर
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