स्टेपनी
”अमिता, कैसी हो तुम! मैं तुमसे मिलने आ सकता हूं?” मोबाइल पर नीरज का संदेश चमका. संदेश सामान्य-सा था, पर
Read Moreप्रिय कुलवंत, ”मेहरबां लिखूं हसीना लिखूं या दिलरुबा लिखूं हैरान हूँ कि आपको इस खत में क्या लिखूं!” अब यह
Read Moreक्रिसमस दिवस हो या नववर्ष दिवस, ग़म की वेला हो या खुशियों का मेला, आम दिवस हो या फिर हो
Read Moreभाग्य-किस्मत-संयोग कुछ ऐसी ही चीजें हैं जिनके बारे में सभी एकमत हो ही नहीं सकते हैं. आप इनके अस्तित्व को
Read Moreवर्तमान की खिड़की खोलो, झांक रहा है नव उल्लास। बीता कल इतिहास हो गया, आने वाला कल आभास॥ वर्तमान के
Read Moreछोटी-सी मुर्गी थी लाल, बतख सफेद थी खूब कमाल, चितकबरी बिल्ली शैतान, काला कुत्ता बड़ा बेईमान. चारों साथ-साथ रहते थे,
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