कविता मदन लाल 07/02/2023 सितम करते हैं वोह हमारे दिल पर सितम करते हैं वोह हमारे दिल पर – और कैहते हैं ज़माने से काम यिह किस ने किया है और Read More
कविता मदन लाल 31/01/2023 कविता आँखें भरी हैं आँसूओं से – दरद बुहत है हमारे सीने में तमनाएं मगर क़ायम हैं हमारी – अपनी मरज़ी Read More
कविता मदन लाल 24/01/2023 मुसकराहट मुसकराहट आप की हमें – मीठी मीठी सी लगती है बिना आप के यिह दुनिया – हमें अधूरी सी लगती Read More
कविता मदन लाल 20/01/2023 हमराह हमराह हमारे ज़िनदगी के सफ़र में – कोई भी नही है अकेले रैह गैए हैं हम – किसी को हमारी Read More
कविता मदन लाल 18/01/2023 मुसाफ़िर मुसाफ़िर हैं हम तो इस दुनिया में – एक अैसे कारवान के ज़िनदगी में जो कभी भी – आगे बढ़ने Read More
कविता मदन लाल 16/01/2023 कविता बे वफ़ा लोग ही गुज़ारते हैं रातें – बे चैनी की हालत में वफ़ा करने वालों को तो जीने की Read More
कविता मदन लाल 30/12/2022 ज़िन्दगी क़ीमत हर एक रिश्ते की – इस दुनिया में चुकानी ही पडती है दर्द जिस क़दर भी हो दिल में Read More
कविता मदन लाल 22/12/2022 कविता कहाँ कहाँ लिए फिरते हम – अपनी ज़िनदा लाश को अपने काँधों पर इस लिए ख़ुद को ही हम ने Read More
कविता मदन लाल 16/12/2022 कविता यह कैसी हवा चल रही है जो अैसी हालत बन गैई है ज़िन्दगी की सिसक सिसककर ख़ुद रो रहे हो Read More
कविता मदन लाल 14/12/2022 कविता बिछड जाते हैं जब – हम सफर आप के टूट जाते हैं फिर – सारे हौसले आप के अफसाने आप Read More