कविता

कविता

बिछड जाते हैं जब – हम सफर आप के
टूट जाते हैं फिर – सारे हौसले आप के
अफसाने आप के दर्द के – सुनता नहीं कोई
उदासी में चुप चाप – दिन गुज़रते हैं आप के
बडी ही खूबसूरती से – आप छुपाते हैं दिल की बात को
नमी होती है आँखों मे – और लब मुसकराते हैं आप के
लाख शिकवे बे शक हों – आप के दिल में
हाल पूछे कोइ तो – ख्याल गुम हो जाते हैं आप के
बडी ही अजीब बन जाती हैं – सारी तमन्नायें आप की
अकेले बैठ कर ही – मै खाने सच जाते हैं आप के
होश कुछ रहता नही आप को – अपने आप का
ख्याल सारे गुल हो जाते – ज़हन में आप के
—-
गन गनाने लगती हैं – खामोशियां आप के दिलों की
आव़ाज़ें सुनाई देने लगती हैं – धडकनों की आप की
मद होशी कुछ ऐसी -छा जाती है आप पर
खो जाते हैं बार बार – अपने ही ख्यालों में आप के
—–
उमंगें आप की अब मचलती नही – पहले की तरह
मुस्कराने लगते हैं आप – ढूब कर ख्यालों में आप के
गुज़रते हैं कुछ ऐसे ही – रोज़ शब आप के मदन
बात करते नही किसी से – लब खामोश रहते हैं आप के

मदन लाल

Cdr. Madan Lal Sehmbi NM. VSM. IN (Retd) I retired from INDIAN NAVY in year 1983 after 32 years as COMMANDER. I have not learned HINDI in school. During the years I learned on my own and polished in last 18 months on my own without ant help when demand to write in HINDI grew from from my readers. Earlier I used to write in Romanised English , I therefore make mistakes which I am correcting on daily basis.. Similarly Computor I have learned all by my self. 10 years back when I finally quit ENGINEERING I was a very good Engineer. I I purchased A laptop & started making blunders and so on. Today I know what I know. I have been now writing in HINDI from SEPTEMBER 2019 on every day on FACEBOOK with repitition I write in URDU in my note books Four note books full C 403, Siddhi Apts. Vasant Nagari 2, Vasai (E) 401208 Contact no. +919890132570