Author: *मदन मोहन सक्सेना

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल(खुदा जैसा ही वह होगा)

ग़ज़ल(खुदा जैसा ही वह होगा) वक़्त की साजिश समझ कर, सब्र करना सीखियें दर्द से ग़मगीन वक़्त यूँ ही गुजर

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्मलेखसामाजिक

पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना

तुम भक्तों की रख बाली हो ,दुःख दर्द मिटाने बाली हो तेरे चरणों में मुझे जगह मिले अधिकार तुम्हारे हाथों

Read More
कविताराजनीतिलेख

जुमले , जनता और जनतंत्र

जुमले , जनता और जनतंत्र शैतान ब्रह्मपिशाच आरक्षण जातिवाद चारा चोर नर भक्षी डी एन ए जैसे जुमलों के बीच

Read More