Author: *मदन मोहन सक्सेना

गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : अजब गजब सँसार हुआ

रिश्ते नाते प्यार वफ़ा से सबको अब इन्कार हुआ बंगला, गाड़ी, बैंक तिजोरी इनसे सबको प्यार हुआ जिनकी ज़िम्मेदारी घर

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कविता

मेरा मन सोचता है कि

  जब आया भूकंप नेपाल में पूरे उत्तर प्रदेश में अचानक प्राकतिक दुर्घटना घटी उसी पल जमीन फटी सजे संवरे

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