ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले )
ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले ) दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना हों
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Read Moreबारिश के रंग , मुंबई के संग हर बार की तरह इस बार भी इंद्र देव मुंबई पर कुछ ज्यादा
Read Moreजाना जिनको कल अपना, वे आज हुए पराये हैं दुनिया भर के सारे गम आज मेरे पास आए हैं ना
Read Moreमुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को
Read Moreदुनिया में जिधर देखो हजारों रास्ते दिखते मंजिल जिनसे मिल जाए वे रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कह
Read Moreख्वाहिश अपने दिल की हे रब किसी से छीन कर मुझको ख़ुशी ना दीजिये जो दूसरों को बख्शी को बो
Read Moreग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा ,
Read Moreमैं रोता भला था , हँसाया मुझे क्यों शरारत है किसकी , ये किसकी दुआ है मुझे यार नफ़रत से
Read Moreसमय कैसे जाता है ये उससे अधिक और कौन जानता होगा जो उम्मीदों के सहारे अपनी जिंदगी ढो रहा हो।
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