जन-जन की पीड़ा दुःख हर लें
जन-जन की पीड़ा दुःख हर लें ~~~~~~~~~~~~~~~~ देखो बसन्त ने दस्तक दी पर प्रकृति नहीं मुस्कायी है | भय छुपा
Read Moreजन-जन की पीड़ा दुःख हर लें ~~~~~~~~~~~~~~~~ देखो बसन्त ने दस्तक दी पर प्रकृति नहीं मुस्कायी है | भय छुपा
Read Moreदिल हमारा न ऐसे दुखाया करो – सब्र मेरा न यूँ आजमाया करो | बेरुखी की तपिश से जले आशियाँ
Read Moreइन्सानियत अभी ज़िंदा है *********************** शारदा उदय होते सूरज को नम आँखो से देख रही थी शुभ भी उसके पास
Read Moreसुमन की चहकन से घर का कोना कोना चहका करता था |विवाह के बाद घर सूना हो गया एक उदासी
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