Author: *डॉ. मनोहर लाल भण्डारी

हास्य व्यंग्य

आकस्मिक छापे में अधिकाँश के जेब में बोतलें निकली : गजब भयो रामा, जुलम भयो रे

सपना सुबह साढ़े चार बजे का था, मां कहती थी, जागने से ठीक पहले का सपना जल्दी ही सच होता

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राजनीति

मन्दिरों की आय और दलितों का विकास

यक्षराज ने युद्धिष्ठिर से पूछा – धर्मराज, भारत में अनुसूचित जाति और जनजाति के वास्तविक विकास, ग्रामीण बेरोजगारी को दूर

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हास्य व्यंग्य

मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इण्डिया (एम.सी.आई.) बेताल के निशाने पर

हमेशा की तरह सम्राट विक्रमादित्य रात्रि में सीमेंट कांक्रीट के उस जंगल से गुजर रहे थे, जहां कभी बियाबान जंगल

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स्वास्थ्य

क्या एम.सी.आई. देशवासियों की स्वास्थ्य समस्याओं प्रति पूर्णतया निरपेक्ष है ?

एम.सी.आई. और उससे जुड़े तमाम लोग और पदाधिकारी नोट करें कि कोकाकोला के विषय में उससे जुड़े एक बड़े अधिकारी

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