चौराहेबाज़ी…
गांव चलो दोस्तों अमरुद अब हरे नहीं । शहरों की आपाधापी में खरे उतरे नहीं ।। रोनाकाल कोरोनाकाल फिर भी
Read Moreगांव चलो दोस्तों अमरुद अब हरे नहीं । शहरों की आपाधापी में खरे उतरे नहीं ।। रोनाकाल कोरोनाकाल फिर भी
Read Moreजब भी आता हूं इश्क़ की किताब लेकर । तुम बैठी रहती हो हुस्न की किताब लेकर ।। ये अजीब
Read Moreगोला बारूद ना परमाणु ना गन मशीन । बायो केमिकल से हमला किया है चीन ।। ये कुदरत का क़हर
Read Moreनींदों का अमंगल मरुभूमि है ये । बिरह का जंगल सूनी सूनी है ये ।। भयंकर रातों की यादें है
Read Moreएक राजा था जिसे पेटिंग्स से बहुत प्यार था। एक बार उसने घोषणा की कि जो कोई भी उसे एक
Read Moreतेरे संग मैंने खेली , मेरी कल्पना की होली । यही बात मैंने अब तक , तुम से नहीं है
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