रोक नहीं पाओगे, मेरे प्रवाह को…
मेरे अन्दर भी है आंसुओं का समंदर जो साथ चलता है । साफ कहूं हमसफ़र है ।
Read Moreमेरे अन्दर भी है आंसुओं का समंदर जो साथ चलता है । साफ कहूं हमसफ़र है ।
Read Moreअभिनन्दन और वंदन है बार-बार कब से स्वागत को हम हैं तैयार जहाँ विष्णु का चरण है यथावत हम
Read Moreहिन्दी हिन्द की भाषा, यह भारत की शान मर मिट जाएं इस पर, बचाएं इसकी जान। बचाएं इसकी जान, ये
Read Moreहां, भरती हूं मांग में सिन्दूर, पहनती हूं कंगन, पाज़ेब लगाती हूं बिंदी । मैं सजती हूं, संवरती हूं यह
Read Moreमाँ ! अब तो बेटे पर तरस खाओ उसे इतना मत डराओ । नादान पुत्र है कर दिया होगा
Read Moreरियो में बेटियों की, देखिए ऐसी चली है आंधी साक्षी ने कांस्य और पी वी सिंधु जीती है चांदी मस्तक
Read Moreजिओ बेटी जिओ, जिओ बेटी जिओ रियो को अपने नाम कियो। तुम देती हो सम्मान हर बार हम हर बार
Read Moreहे इन्द्र ! तू बरस लेकिन इस शर्त के साथ कि मेरी मड़ई ने भींगे । महाजनी कर्ज भी कहाँ
Read Moreआजा न मेरे मुंडेरें पे ए ! कबूतर । भिजवाना है ‘संदेशा’ पिया तक । कहना चिढ़ा रही
Read Moreचेहरे पे थे ख़ुशी के भाव वो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी शायद ! किसी खास से बतिया रही थी ।
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