सोचा करता हूँ
सोचा करता हूँ मै तेरा ओहदा रब से कम क्या होगा । हिज़्र में जब है इतनी लज्जत वस्ल का
Read Moreसोचा करता हूँ मै तेरा ओहदा रब से कम क्या होगा । हिज़्र में जब है इतनी लज्जत वस्ल का
Read Moreहर तरफ फैलते ही जाना है । खुशबुओं का कहाँ ठिकाना है । हमसफ़र आप सा मिले जिसको, उसका तो
Read Moreसाथिया इश्क में अब दौर भी ऐसा आये । कोई देखे जो मुझे ख्याल तुम्हारा आये । पलकें खोलूँ या
Read Moreआखिर यूँ ही सताने की कोई तो हद होगी ही । तेरे लौट न आने की कोई तो हद होगी
Read Moreसारी दुनिया भी ढूंढ़ आएंगे। कोई तुम सा कहीं न पाएंगे। फासले कितने भी बढ़ा लो तुम, फासले फिर भी
Read Moreहाल तुम्हारा अक्सर खुद से पूछा करता हूँ । इतने प्यारे क्यूँ लगते हो सोचा करता हूँ । अपने दिल
Read More