सितारा
कितना अभागा हूँ, मैं अम्बर का इक सितारा हूँ । किसे सुनाऊं मनोव्यथा, हाल हृदय का कैसा है । तेरे
Read Moreकुछ भी नहीं है कल ओ राही सब कुछ है इसी पल लक्ष्यहीन मत बन राही संकल्पों पर कर अमल
Read Moreनसीब का खेल भी बड़ा ही अजीब है । कोई खुशनसीब है कोई बदनसीब है । नियति का खेल बड़ा
Read Moreहिन्द देश के वासी तुम सब से ये अभिलाषा है अमिट रहे हिन्दी का गौरव हिन्दी हिन्द की भाषा है
Read Moreगुरु जग में सबसे बड़ा, कहते खुद जगदीश | गुरु के चरणों में सभी,आज नवाओं शीश || गुरु के बिन
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