क्यो तुमने सोच लिया…
क्यो तुमने सोच लिया मै तुम्हे भूल जाऊँगी तेरे बिन मै तन्हा कैसे रह पाऊँगी यह बंधन है प्रेम का
Read Moreक्यो तुमने सोच लिया मै तुम्हे भूल जाऊँगी तेरे बिन मै तन्हा कैसे रह पाऊँगी यह बंधन है प्रेम का
Read Moreबैठे बैठे यु ही सोच रही अपलक तुझे ही निहार रही मुझमे तु तुझमे मै अब समाहित होने को सोच
Read Moreआज बैठ गयी हूँ लिखने कुछ कविता कुछ कहानी नही मिलते शब्द तो क्या लिखूँ बात पुरानी प्यार की भाषा
Read Moreक्यो पुछते हो मुझसे मेरी हालातो के विषय में जब तुम्हे सुन कर चुप ही हो जाना है इससे बेहतर
Read Moreहाय! यह कैसी रीत है जग की गुनाहगार मस्ती में घुम रहें बेगुनाहगार सजा भुगत रहें जिसे समझते हो तुम
Read Moreकूँहू कूँहू कर कोयल कूँहूके आम के डाल पर बैठे रहती कितनी प्यारी बोली इसकी सभी को मंत्रमुग्ध कर देती
Read Moreचॉद तारो का मेल है नही ये कोई खेल जब आसमां मे चॉद दिखे तारें भी संग संग छाये बच्चो
Read Moreये दोस्त भी होते है जीवन के अनमोल हिस्से सुख-दु:खो में साथ रहते कदम से कदम मिलाकर चलते दोस्तो के
Read Moreवो पहला प्यार ऑखो का चार दिलों की धडकन अधरो की मन्द-मन्द मुस्कान बढती गयी सिर्फ तुम्हे एक ही बार
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