आचमन
मीत ने गीत का आचमन जो किया, तार वीणा के फिर झनझनाने लगे! स्याह सूनी अमावस के जैसा हृदय, रात
Read Moreनमामि जाह्नवी भगीरथी तुझे प्रणाम है। सुधा प्रवाहिनी शुभारती तुझे प्रणाम है। नदी न दीन देखती,प्रवाह मान ही रहे। नमी
Read Moreजय महादेव जय श्री शिवा शंकरम्।अम्बिकानाथ,श्रीकंठ पद पंकजम्।है जटाओं में गंगा,गले नाग हैं,शीश पर चंद्रमा,काम का त्याग है।शूलत्रय,डमरू,नंदी समाधी लिए,नेत्र
Read Moreअखिल विश्व को मौत बांट कर खुश है दुष्ट वुहान, आज हमने देखा। मानवता की चिता जलाते मिले कई शैतान,
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