Author: पंकज त्रिपाठी कौंतेय

भजन/भावगीत

शिव स्तुति

जय महादेव जय श्री शिवा शंकरम्।अम्बिकानाथ,श्रीकंठ पद पंकजम्।है जटाओं में गंगा,गले नाग हैं,शीश पर चंद्रमा,काम का त्याग है।शूलत्रय,डमरू,नंदी समाधी लिए,नेत्र

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