दोष
टेढी-मेढी संकरी गलियों से गुजरती साँसे अछूती रह जाती हैं परंपरा से किसको दोष दूँ? मानवता का जल सूख गया
Read Moreनहीं है स्वीकार मुझको हार हृदय तंत्रिकाओं से जुड़ा मेरे देश का ताना-बाना नाम मेरा महाराणा मां रणचंडी की शपथ
Read Moreढलने लगा दिन ,जगने लगी रात आ जा रै मोरे बालम आ जा रै मोरे बालम कर ले तूँ दिल
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