जीवन
रोते हुए आना सबकी दुआएँ लेना हर्षोल्लास में सबको मुस्कुराहट देना जन्म किलकारियों से गुंजायमान आंगन खुशियों में सब
Read Moreसंवेदनाएं नहीं है एक मां के बेटे चार कौन देगा रोटी अब हो रहा विचार झगड़ा हुआ रात भर
Read Moreअचेतना से निकलकर भविष्य की ओर झाँकती हुई नवस्फुटित कोंपलें जीवन की सार्थकता को परिभाषित कर रही है नर होकर
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