कुछ
कहा कुछ सुना कुछ दिया कुछ समझा कुछ लेना था कुछ देना था कुछ दिल में कुछ दिमाग़ में कुछ
Read Moreतमाम उलझनों के बीच से बादल घिर कर आए हैं हम निकल पड़े हैं अपनी राह पर कुछ साथ अपने,
Read Moreस्कूल की तख्ती अर काली स्याही की दवात आखर था वो बैट-गिण्डी का खैलणा चलौ बताऊँ थामनै म्हारै बचपन
Read Moreसंवेदनाएं नहीं है एक मां के बेटे चार कौन देगा रोटी अब हो रहा विचार झगड़ा हुआ रात भर
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