गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 25/03/202525/03/2025 0 Comments ग़ज़ल दौर खामोशी का है मगर धड़कन में शोर हैनज़र से हो बयां जज़्बात तो ये बात और है। पतंग ए Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 15/02/202515/02/2025 ग़ज़ल हुई कब गुफ्तगू कैसे किसने क्या कहा होगाके छत पर हम नहीं थे चांद भी तन्हा रहा होगा। ख़ामोशी आंखों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/12/202428/11/2024 ग़ज़ल टूटे हैं तार दिल के फिर प्यार क्या करेंमतलब से भरे लोग हैं इजहार क्या करें। कब साथ चलते-चलते कहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/05/202406/05/2024 ग़ज़ल दीदार क्या हुआ तेरा धड़कन मचल गईकितना सम्हाला लेकिन नज़र फिसल गई। कुछ इस तरह आपका अंदाज ए बयां हैहम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 01/05/202417/04/2024 ग़ज़ल यूं ख्यालों में खोने से क्या फायदादर्द के बीज बोने से क्या फायदा। जिन्हें आंसू् भी पानी नजर आते होंतो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 08/04/202408/04/2024 ग़ज़ल अपने हाथ से तुमने हरेक किस्सा मिटा डालाभंवर के पार थी कश्ती किनारे पर डुबा डाला। मुझे कब चाह थी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 09/03/202409/03/2024 ग़ज़ल कांटों का कोई दोष नहीं चलने वाले को होश नहींजख्म किसी को मैं दे दूं मेरी इतनी छोटी सोच नहीं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 22/01/202422/01/2024 गजल मर्जी न हो खुदा की तो कुछ यहां नहीं मिलताउम्मीद जिसकी हो जहां वो वहां नहीं मिलता। मिलते हैं लोग Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 05/08/202305/08/2023 ग़ज़ल इस दौर में तुम वफ़ा मांगते होबड़े नासमझ हो क्या मांगते हो। हैं आजकल दिल शीशे से नाजुकगर लगी ठेस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 11/07/202311/07/2023 गीतिका आपकी आवारगी ने खो दिया मुझेमैं जल गई हूं खाक उठाना फिजूल है। ग़म मिलें आहें मिलें और तन्हाइयां मिलेंआंसू Read More