गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 13/05/2023 ग़ज़ल दर्द ए दिल में हैं कैसा मज़ा पूछिए इश्क कितनी बड़ी है सज़ा पूछिए। देख कर मुझे क्यों नज़र फेर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 22/04/2023 ग़ज़ल धुआं उठता है जब जब कहीं पर आग लगती है समन्दर में हो घर लेकिन वहां क्या प्यास बुझती है। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 06/03/2023 ग़ज़ल तनहा अकेले हमसे कटता नहीं सफर हर ओर ढूंढती है तुझको मेरी नज़र। बिछड़े भी नहीं और जुदा तुम से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 04/02/2023 ग़ज़ल प्यार के गांव में इश्क की छांव में ये जीवन गुजर जाए पास महबूब हो छांव हो धूप हो वो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 24/01/2023 ग़ज़ल धुआं उठता है जब जब कहीं पर आग लगती है समन्दर में हो घर लेकिन वहां क्या प्यास बुझती है। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 02/12/2022 ग़ज़ल तेरी पलकों का हर आंसू हथेली में छुपा लूं आ तुम्हारे दर्द को मैं अपने कलेजे से लगा लूं आ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 16/11/2022 ग़ज़ल मुकद्दर है के अब हमसे संवारा ही नहीं जाता कोई बोझ है दिल पर उतारा ही नहीं जाता। कहें हम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 20/10/202222/10/2022 ग़ज़ल अश्क आंखों से हम गिरने न देंगे भले ही जान पे बन आई है। अश्क आंखों से गिर जाएं अगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 23/09/2022 ग़ज़ल कच्ची मिट्टी के हमने मकान देखे हैं और बेघर भी हमनें तमाम देखे हैं। इन आंखों की नमी में कई Read More
गीतिका/ग़ज़ल *पावनी दीक्षित 'जानिब' 17/08/2022 पूछिए दर्द ए दिल में हैं कैसा मज़ा पूछिए इश्क कितनी बड़ी है सज़ा पूछिए। देख कर मुझे क्यों नज़र फेर Read More