गीत:कर्मयोगी कृष्ण को मुँह मोड़ना है
ज़िन्दगी जीना है, तुमको छोड़ना है एक तिनके से हिमालय तोड़ना है बंद दरवाजे निकल सकता नहीं हूँ मैं तुम्हारे
Read Moreज़िन्दगी जीना है, तुमको छोड़ना है एक तिनके से हिमालय तोड़ना है बंद दरवाजे निकल सकता नहीं हूँ मैं तुम्हारे
Read Moreदर्द सहना अभी आया नहीं है शेर कहना अभी आया नहीं है बात ख़ुद से न अब तक हो सकी
Read Moreआज तिनकों को फिर चुना जाये और फिर घोसला बुना जाये छोड़ कर क्यों गया मुझे पंछी सोच कर के
Read More(१) बहुत ज़रूरी है मेरे गाँव के तालाब का ज़िंदा रहना क्योंकि यह तालाब मात्र गड्ढा नहीं यह हृदय है
Read Moreमुझे अंगार में रहने की आदत हो गयी है किसी के प्यार में रहने की आदत हो गयी है फ़लक
Read Moreख़ार हो फूल हो हालात पे ग़म क्या करना मैं तो कहता हूँ किसी बात पे ग़म क्या करना ख़ाक
Read Moreप्रेम पर्व पावन बेला पर, गीत समर्पित करता हूँ। जीवन का क्षण क्षण मैं तुमको, मीत समर्पित करता हूँ। देने
Read Moreलोकतंत्र के अग्रपूज्य की भारत भाग्य विधाता की निर्वाचन का महायज्ञ है, जय बोलो मतदाता की जय जनता में निहित
Read Moreजौहर की ये राजपुताना परंपरा गौरवशाली क्या जाने इतिहास हमारा कोई मूरख भंसाली स्वाभिमान सम्मान जान से बढ़कर हमको प्यारा
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