गीत/नवगीत

गीत समर्पित करता हूँ

प्रेम पर्व पावन बेला पर, गीत समर्पित करता हूँ।
जीवन का क्षण क्षण मैं तुमको, मीत समर्पित करता हूँ।

देने को तो शायद तुमको
और न कुछ मैं दे पाऊँ
नौका प्रिये गृहस्थी की भी
मुश्किल से ही खे पाऊँ

ये उपहार तुम्हारे प्रति है, प्रीत समर्पित करता हूँ।

इन संघर्ष भरी राहों पर
कब तुमने वैभव चाहा !
मात्र प्रेम ही माँगा तुमने
प्रेम गीत सुनना चाहा

हृद-वीणा की धड़कन लो,संगीत समर्पित करता हूँ।

संग रही झंझावातों में
हर मुश्किल में साथ दिया
रहा हाथ में हाथ तुम्हारा
मुझे हारने नहीं दिया

जो भी मेरे हिस्से आयी, जीत समर्पित करता हूँ।
      :प्रवीण श्रीवास्तव ‘प्रसून’

प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

नाम-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' जन्मतिथि-08/03/1983 पता- ग्राम सनगाँव पोस्ट बहरामपुर फतेहपुर उत्तर प्रदेश पिन 212622 शिक्षा- स्नातक (जीव विज्ञान) सम्प्रति- टेक्निकल इंचार्ज (एस एन एच ब्लड बैंक फतेहपुर उत्तर प्रदेश लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, दोहे, हाइकु, इत्यादि। प्रकाशन: कई सहयोगी संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओ में। सम्बद्धता: कोषाध्यक्ष अन्वेषी साहित्य संस्थान गतिविधि: विभिन्न मंचों से काव्यपाठ मोबाइल नम्बर एवम् व्हाट्सअप नम्बर: 8896865866 ईमेल : praveenkumar.94@rediffmail.com